Budget 2021: सैलरीड क्लास की टैक्स में छूट की मांग, 80C की ज्यादा लिमिट, क्या पूरी होंगी उम्मीदें
यह बजट ऐसे समय पेश हो रहा है जब देश के सामने कई चुनौतियां पहले से ही मौजूद हैं.
Budget 2021: सैलरीड क्लास को बजट से कई उम्मीदें हैं. (फाइल फोटो)
Budget 2021: सैलरीड क्लास को बजट से कई उम्मीदें हैं. (फाइल फोटो)
Budget 2021: सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश का आम बजट पेश करेंगी. Nirmala Sitharaman के कंधों पर कोरोना वायरस महामारी के बीच पेश हो रहे इस बजट में लोगों की उम्मीदें पूरी करने की बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि ये बजट पिछले पेश किए गए बाकी बजट के मुकाबले काफी अलग है. ऐसे में आइए देखते हैं कि सैलरीड क्लास को क्या उम्मीदें हैं और उन्हें क्या मिल सकता है.
इनकम टैक्स में ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं! (Do not expect much relief!)
सैलरीड क्लास और मिडिल क्लास ने वित्त मंत्री से ढेरों उम्मीदें लगा रखी हैं. सैलरीड क्लास क्लास चाहता है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स में राहत को लेकर कोई बड़ा ऐलान करें. इनकम टैक्स में मिल रही 2.5 लाख रुपये की बेसिक छूट को बढ़ाकर 3 लाख रुपये तक कर दिया जाए. हालांकि, एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार बजट में इनकम टैक्स स्लैब में खास बदलाव की उम्मीद नहीं है. विशेषज्ञों के मुताबिक, सैलरीड क्लास और मिडिल क्लास को इनकम टैक्स स्लैब में राहत की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, लेकिन बजट में सेक्शन 80C और सेक्शन 80D के तहत राहत मिलने की उम्मीद जरूर कर सकते हैं.
टैक्स स्लैब में हो सकता है बदलाव (There may be a change in tax slab)
कुछ टैक्स एक्सपर्ट को लगता है कि टैक्स स्लैब में बदलाव की गुंजाइश अब भी है. मौजूदा इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक 2.5 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता है, 2.5 लाख से 5 लाख रुपये तक 5 परसेंट टैक्स लगता है, 5 लाख से 7.5 लाख रुपये तक 20 परसेंट टैक्स है, फिर 7.5 लाख से 10 लाख रुपये तक 20 परसेंट टैक्स है.यानी 5 परसेंट के बाद सीधा 20 परसेंट का टैक्स, ये काफी बड़ा अंतर है. Deloitte India के पार्टनर और टैक्स एक्सपर्ट नीरू आहूजा के मुताबिक टैक्स की दरों में बहुत बड़ा अंतर है तो बजट में सरकार के पास बदलाव के लिए विकल्प मौजूद है.
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80C की अधिकतम सीमा 3 लाख की उम्मीद ( Maximum limit of 3 lakhs expected in 80C)
टैक्स एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बजट में सेक्शन 80C की लिमिट को बढ़ाकर 2.5-3 लाख रुपये तक किया जा सकता है. अभी इसमें 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. इसके पीछे तर्क ये है कि 80C में जरूरत से ज्यादा टैक्स विकल्पों की भरमार है, इसलिए इसकी लिमिट बढ़ानी चाहिए. ELSS, PF, टर्म प्लान का प्रीमियम, बच्चों की फीस, होम लोन रीपेमेंट समेत 10 ऐसे खर्चे हैं 80C के तहत आते हैं.
80D के तहत बढ़ सकती है छूट (Discount may increase under 80D)
बजट में सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलने वाली छूट की लिमिट भी बढ़ाने की मांग हो रही है. फिलहाल 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यह छूट 25 हजार है. लोगों की मांग है कि इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर देना चाहिए. इसके पीछे बढ़ते मेडिकल खर्चों का हवाला दिया गया है. कोरोना वायरस महामारी के बीच लोगों के बीच मेडिकल इंश्योरेंस को लेकर सजगता भी बढ़ी है. अगर सरकार 80D की लिमिट को बढ़ाती है तो मेडिकल कवरेज का दायरा भी तेजी से बढ़ेगा.
स्टैंडर्ड डिडक्शन 1 लाख करने की मांग (Demand to increase in standard deduction)
टैक्स एक्सपर्ट्स मानते हैं कि वर्क फ्रॉम होम की वजह से सैलरीड क्लास के ऊपर दूसरे खर्चों का बोझ पड़ा है. ऐसे में सरकार बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर राहत दे सकती है. अभी सैलरीड क्लास को 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है. इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की मांग हो रही है.
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02:33 PM IST